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Rishabh Tomar

Inspirational

4.8  

Rishabh Tomar

Inspirational

तुमको शत शत बार नमन

तुमको शत शत बार नमन

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अड़िग हिमालय से सीमा पर, तुमको शत शत बार नमन

देश की खातिर जान लुटाकर, कर्त्तव्यों को किया वहन


जब भी बुरी नजर लेकर के, भारत की कोई ओर बढ़ा

या फिर दंभ ग्रसित होकर कोई, शक्ति के मद में है लड़ा

काट काट मस्तक अरिदल के , बलिवेदी पर किया हवन

अडिग हिमालय से सीमा पर,तुमको शत शत बार नमन

देश की खातिर जान लुटाकर, कर्त्तव्यों को किया वहन


ये होली, दीवाली, ईद, दशहरा, तुम्हारे कारण मन पाते

क्रिकेट, फ़िल्म न जाने क्या क्या, देख देख हम मुस्काते

तब लिखता हूँ तुम ख़ुशियाँ हो , तुमसे ही है आबाद चमन

अडिग हिमालय से सीमा पर,तुमको शत शत बार नमन

देश की खातिर जान लुटाकर,कर्तव्यों को किया वहन


इक़ माँ की खातिर तुम अपनी,दूजी माँ से नित दूर रहो

पीड़ा कष्ट भी सहकर के तुम, मुँह से न इक़ आह कहो

गूँजेगा यश गान तुम्हारा , ये जब तक है गुलाजर चमन

अडिग हिमालय से सीमा पर,तुमको शत शत बार नमन

देश की खातिर जान लुटाकर, कर्तव्यों को किया वहन!


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