तुम्हे इश्क है या रस्क है
तुम्हे इश्क है या रस्क है
तुम्हारी आंखे बयां करती हैँ
तुम्हे इश्क है या रस्क है
तुम्हारी सांसे ब्याँ करती हैँ
तुम्हे फिक्र है य़ा शुक्र है !
तुम कातिल हो य़ा शामिल हो
मुझको क्या, ये तो सबको पता
तुम्हारी बातें बयां करती हैँ
तुम शत्रु हो य़ा मित्र हो !
किसको पता कल क्या होगा
पर सबको पता तू ना होगा
भगवान से डरता है गर तू
भगवान भी तेरा ना होगा !
सब कुछ तो देकर जाना है
अहम य़ा अहं कितना भी है
तुम्हारी रातें बयां करती है
तुम्हें नींद है य़ा उम्मीद है !