तुम्हारा साथ
तुम्हारा साथ
साथ चाहते है तुम्हारा बस इतना ही कि
जब हम पहाड़ों पर जाए तब साथ तुम हो,
जब हम गुनगुनाये तब साथ तुम हो..
साथ रहो तुम जब हम बारिश में भीग जाए,
जब हम किसी ख्यालों में गुम हो तब साथ बस तुम हो।
चाहते है बस साथ तुम्हारा इतना ही कि
चाय की टपरी पर कुल्हड़ लिए साथ तुम हो,
बसंत के मौसम में पेड़ो की छांव तले हमारे साथ बस तुम
हो,
तुम हो उस वक्त साथ हमारे जब' बेख्याली में रहे हम,
सड़को की ट्रैफिक के बीच हाथ थामे हमारे साथ बस तुम हो।
चाहते है साथ तुम्हारा बस इतना ही कि..
नींद में सपनो की दुनियां में हमारे साथ तुम हो,
नए जीवन की शुरुआत करते वक्त साथ तुम हो,
साथ तुम हो जब हम पहाड़ो से बहते झरने के नीचे हो,
महादेव के दरबार केदारनाथ के सफर पर बस साथ तुम हो।