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Rashmi Arya

Romance

5.0  

Rashmi Arya

Romance

हम दोनों मिले ऐसे

हम दोनों मिले ऐसे

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हम दोनों मिले ऐसे

जैसे बन गयी हो कोई कहानी।

तुम गीत हो, मैं ताल हूँ,

तुम रक्षक हो, मैं ढाल हूँ।


तुम नभ के उड़ते पंछी,

मैं डोलती हवा हूँ।

मैं रंग हूँ, तुम उसमे मिलता पानी,

मैं उम्र हूँ, तुम मेरी जवानी।


हम दोनों मिले ऐसे,

जैसे बन गयी हो कोई नई कहानी।

तुम पर्वत हो,मैं उसमे

निकलती धारा का पानी।


तुम हो क्षितिज, मैं आसमां

धरती को जोड़ती कहानी।

तुम कृष्णा हो, मैं हूँ तुम्हारी राधा रानी।

हम दोनों मिले ऐसे,

जैसे बन गयी हो कोई नहीं कहानी।


तुम प्रेम हो प्रिय, मैं तुम्हारी रागिनी

तुम निशा के इंदु हो,

मैं तुम्हारी चमकती चांदनी।

तुम जिंदगी हो, मैं तुम्हारी ज़िन्दगानी।


हम दोनों मिले ऐसे,

जैसे बन गयी हो

हमारी कोई नई कहानी।

तुम कविता हो,

मैं उसकी मीठी सी बानी,


तुम खुद में खुद हो,

मैं तुम्हारा चेहरा नूरानी।

तुम अनुराग हो,

मैं तुम्हारी अनुरागीनी।


हम दोनों मिले ऐसे

जैसे बन गयी हो

हमारी कोई नई कहानी।


तुम शिव हो, मैं शक्ति,

तुम भक्त हो, मैं तुम्हारी भक्ति

तुम मोक्ष हो, मैं तुम्हारी मुक्ति,

तुम भव सागर को

पार लगाने वाले हो,

मैं हूँ तुम्हारी विरक्ति,


हम दोनों मिले ऐसे,

जैसे बन गयी हो हमारी कोई नई कहानी।


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