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Rashmi Arya

Inspirational

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Rashmi Arya

Inspirational

कल हो ना हो

कल हो ना हो

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समय मुट्ठी की रेत सा फिसलता जा रहा है ,

हर लम्हा यूँ ही गुजरता जा रहा है,

उन गुजरते लम्हों को फिर से जी लो,

पता नहीं वो लम्हा कल हो न हो।

हर लम्हा एक नयी ख़ुशी ले आता है,

पर वक्त मुट्ठी की रेत सा फिसलता जाता है,

आओ, समय को पकड़े, पर रुकता नहीं समय,

समय न सही लम्हा तो है,

एक ख़ुशी भरा लम्हा ..

तो जी लो वो लम्हा,

पता नहीं वो कल हो न हो!"



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