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Rashmi Arya

Children

4  

Rashmi Arya

Children

बचपन

बचपन

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एक अनोखा ख्वाब है बचपन,

एक मीठी सी याद है बचपन,

जिसे भूले न भूला सके हम,

ऐसा प्यारा सा एहसास है बचपन।


बचपन की मीठी बाते,

बचपन की प्यारी सी यादे,

बचपने का बचपन याद आता है,

बचपन का प्यारा सा एहसास जगा जाता है।


वो शाम पड़े पेड़ो के झूलो पर,

वो शाम की ठंडी हवा आम के पेड़ों पर,

बचपन हमारा गुजरता था,

बचपने संग मस्ती करते गावँ की मिट्टी के ढेरों पर।


कुछ बाते सबकी सुनना,

कुछ बातें मन मे अपने गुनना,

कुछ सुनकर भी अनसुनी करते हुए,

बेपरवाह सा आम के बगीचों में घूमना।


याद आती है बीतें बचपनों की,

याद आती है शैतानियों की,

शरारते करते हुए सताते थे सबको,

वो बाते बस हो कर रह गयी उन दिनों की।


एक अनोखा ख्वाब है बचपन,

मीठी सी याद है बचपन,

जिसे भूले न भूल सके हम,

ऐसा प्यारा सा एहसास है बचपन।


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