तुम्हारा इश्क़
तुम्हारा इश्क़
भर लूँ
एक घूँट।
लूँ,
एक गहरी साँस,
सुकून से।
और,
भूलते जाऊँ
धीरे - धीरे
अपने सभी ग़म,
फिक्र, थकन।
लगे जैसे
हो गया हूँ,
फिर से
नया।
तुम्हारा इश्क़,
एक गर्म प्याली हो
चाय की जैसे।
भर लूँ
एक घूँट।
लूँ,
एक गहरी साँस,
सुकून से।
और,
भूलते जाऊँ
धीरे - धीरे
अपने सभी ग़म,
फिक्र, थकन।
लगे जैसे
हो गया हूँ,
फिर से
नया।
तुम्हारा इश्क़,
एक गर्म प्याली हो
चाय की जैसे।