तुम्हारा इंतजार
तुम्हारा इंतजार
उसकी नजरों में अब तो मैं अपनी कीमत जानने पहचानने लगा,
चांद -चकोर की तरह ही सही मैं तो दूर से ही रिश्ते निभाने लगा,
रिश्ता हमारा रेल की पटरियों की तरह जो दूर रहकर भी साथ हैं,
हमारे दरमियाँ जो यह फासला है वही प्यार हमारा बढ़ाने लगा I
सामने होते हो तुम जब भी मेरे, तुम्हारी सूरत में ही ढल जाता हूँ,
आंखों से तुम ओझल क्या होते तुम्हारी तलाश में निकल जाता हूँ,
तुम रोज एक प्यार भरा खत बनकर मेरी जिंदगी में आ जाते हो,
जिसको आंखें बंद करके ही मैं अपने इस दिल में उतार लेता हूँ,
तुम्हें देखकर राहत भी होती और दिल को मेरे सुकून भी मिलता,
तुम्हारे प्यार को पाने के लिए अक्सर मैं खुद को ही बदल देता हूँ,
ख्वाहिश है तुम्हारी जिंदगी में अपनी एक अलग जगह बनाने की,
और इन्हीं प्यार भरे ख्वाहिशों के समंदर में मैं डूबता चला जाता हूँ,
जानता हूँ तुम्हारे होंठों की चुप्पी मुझसे प्यार का इजहार करती है,
इसलिए कोरे कागज़ों पर स्याही तेरे नाम की मैं चलाता रहता हूँ,
तेरी प्यारी आवाज सुनकर उठती है हुक इस दिल में तेरे नाम की,
तुम आओगे एक दिन मेरे पास ,उम्मीद का दिया जलाता रहता हूँ,
जब भी तुम मिलते हो अक्सर हमारी खामोशियों में बात होती है,
तुम्हारी इन खामोशियों में भी हर वो जवाब मुझको मिल जाता है,
मैं तो स्वयं को कभी - कभी किताबों के उन पन्नों की तरह पाता हूँ ,
जिसे तुम पढ़ते हुए अपने हाथों से पलटती उसमें ही समा जाता हूँ
तुम्हारे साथ बेहतर पल बिताने के लिए मैं तुम्हारा इंतजार करता हूँ,
और इसी इंतज़ार में अक्सर कैलेंडर की तारीख है बदलता रहता हूँ I