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Rajni Chaurasiya

Romance

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Rajni Chaurasiya

Romance

तुम थी तो ।

तुम थी तो ।

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तुम थी तो तुम थीं

तो सारा ब्रह्मांड धड़कता था

आज न जाने क्यों

सब सूना सूना लगता है

तुम्हारे प्यार में एक सहजता थी

आज तो सब बेगाना लगता है।


बेसब्र था

मर्यादा का दीवानापन

अपनों को संवारने का

वह अपनापन

आज ढूंढता हूँ मैं खिलखिलाती महफिलों में

वह एतबार जो झलकता है तेरी यादों में।


महफूज हूँ मैं

इस दुनिया में अब तक

न जाने ज़िन्दगी में

आगे क्या हो

कौन जानता है फिर कभी

तुमसे मुलाकात हो न हो ।


इतना भरोसा

लेकिन है मुझको

बसी है मुझ में

रूह तुम्हारी

वह तो ज़िन्दगी के दिन थे चार

जिनमें सिमटी हुई है दुनिया सारी ।


मैं नित

तुम्हारे चरणों में

श्रद्धा से

शीश झुकाता हूँ

रह रह कर अपने जीवन में

तुम्हें प्रेरणा स्रोत बनाता हूँ ।


तुम थीं

तो सारा ब्रह्मांड धड़कता था ।


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