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Rajni Chaurasiya

Romance

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Rajni Chaurasiya

Romance

कुछ तो था ...

कुछ तो था ...

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कुछ तो था जो तुम यूँ मुस्कुराते थे ,

मेरी हंसी देख तुम खिल से जाते थे ,

माना थोड़ी नादान थी मैं उस वक़्त ,

पर तुम मेरी हर तक़लीफ पहचान तो जाते थे ,

कुछ तो था जो तुम यूँ मुस्कुराते थे।


हर लम्हा तेरी नज़रे क्यों बस मुझे ढूंढा करती थी ,

दिखती थी मैं जो तुम्हे आँखों मे चमक तुम्हारे आ जाती थी ,

पास मेरे आने पर तुम शर्म से लाल हो जाते थे ,

सच बताओ तुम इतना क्यों शरमाते थे ,

कुछ तो था जो तुम यूँ नज़रे चुराते थे ,

कुछ तो था जो तुम यूँ मुस्कुराते थे।


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