दिल शामिल यादें ब्रह्मांड वर्तमान शिकवा अहसास प्यार बेवक्त मुट्ठी में सिमटी है जो तकदीरें हमारी अरसे से दुआ यादों फ़ासलों गुलाबी हाथों की लकीरों को तेरे नाम किये जा रही हूँ । पागल सुबह बांहों हिन्दी कविता राहों

Hindi सिमटी Poems