हर एक याद आज भी फासलों में भी सिमटी सी हैं हर एक याद आज भी फासलों में भी सिमटी सी हैं
कौन जानता है फिर कभी तुमसे मुलाकात हो न हो कौन जानता है फिर कभी तुमसे मुलाकात हो न हो
झकझोर कर जगाया जब किसी ने मुझे तो लौट आई वर्तमान में झकझोर कर जगाया जब किसी ने मुझे तो लौट आई वर्तमान में
तेरे ख्यालों में खोने लगा हूं, तेरा तेरा तेरा होने लगा हूं...... तेरे ख्यालों में खोने लगा हूं, तेरा तेरा तेरा होने लगा हूं......
इस कदर घुल मिल जाता था कि सारा समा रंगीन नजर आता था, इस कदर घुल मिल जाता था कि सारा समा रंगीन नजर आता था,
मुट्ठी में सिमटी है जो तकदीरें हमारी अरसे से, हाथों की लकीरों को तेरे नाम किये जा रही हूँ। मुट्ठी में सिमटी है जो तकदीरें हमारी अरसे से, हाथों की लकीरों को तेरे नाम किये ज...