तुम सिर्फ मेरे
तुम सिर्फ मेरे
हवा, बादल, बारिश, चाँद, सितारे, सूरज
सब जाकर तुम्हारे कान में कहते होंगे
कोई प्यारा एहसास मन में भरते होगे,
कि कोई तुम्हें जी रहा है सब कुछ भुलाकर
छल छल करके अश्क आँखों से छलका कर
मीठा मीठा दर्द अपने आँचल में छुपाकर
धड़कती धड़कनों में नाम पुकार कर।
कि दुआओं में उठे हैं हाथ ये ख़ुदबखुद
झुकता है रब भी प्रेम की मर्जी के आगे
कि हमें कोई भी फैसला मंजूर ही नहीं
एक सिर्फ तुमको बस अपना बना के।
हाँ कहता है दिल मेरा
कि हो तुम सिर्फ मेरे।