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इंतजार में

इंतजार में

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सुबह हुई

दिन ढल गया

साँझ घिर आई

सिंदूरी आकाश ने

खुद को अन्धकार में घेरने की

तैयारी कर ली

व्याकुलतावश मेरी आखों से

आसुओं की बूंदें

टपक कर गालों पर

ढुलक आयीं

तुम्हारे आने के इंतजार में !!


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