तुम नहीं
तुम नहीं


मायुस हैं उन लम्हों से जिसमें तुम हासिल नहीं,
खफ़ा उन बातों से जिसमे तुम शामिल नहीं,
शिकायतें उन चिराग़ों से जिसकी लौ तुम नहीं,
नाराज़गी उन यादों से जिसमें शरीक तुम नहीं।
मायुस हैं उन लम्हों से जिसमें तुम हासिल नहीं,
खफ़ा उन बातों से जिसमे तुम शामिल नहीं,
शिकायतें उन चिराग़ों से जिसकी लौ तुम नहीं,
नाराज़गी उन यादों से जिसमें शरीक तुम नहीं।