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Gaurav Chhabra

Abstract Inspirational

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Gaurav Chhabra

Abstract Inspirational

तुम मैं और तुम!

तुम मैं और तुम!

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जब तुम्हारे घर आऊं तो कोई तकल्लुफ मत करना 

तुम्हारी दुनिया जैसी है उसे वैसी ही रहने देना 


ख़्वाब तुम्हारे जो भी हो वो एक-एक पूरे करना 

कपड़े जब पसीने से तर जाये तो तर ही रहने देना 


दोस्ती और दुश्मनी का हिसाब-किताब मत करना 

एक दूसरे के लिए जो बन सके करना, 

कुछ बाकी ना रहने देना.. 


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