तुम लौट आओ
तुम लौट आओ
बहुत याद आते हो तुम बस लौट आओ।
सावन के सुहाने मौसम मे खुशबू बन छा जाओ,
सांसो को मेरी, खुशबू से अपनी महका जाओ,
काली अंधियारी रात मे उजाला कर जाओ,
बहुत अकेली तन्हा हूं साथी बन आ जाओ,
बहुत याद आते हो तुम बस लौट आओ ।
यादो मे तेरे प्यार की खुशबू बसती है ,
खुशबू से तेरी सांसे मेरी कसमसाती हैं,
सखियाँ भी नित मुझे चिड़ाती हैं,
प्यार से अपने मुझे सराबोर कर जाओ,
बहुत याद आते हो तुम बस
लौट आओ ।
फूलों के खिलने से तुम्हारी याद आती है,
भ्रमर की गुनगुनाहट भी मुझे सताती है ,
रिमझिम बारिश नित नई सरगम सुनाती हैं,
आकर तुम भी एक प्रेम राग छेड़ जाओ।
बहुत याद आते हो तुम बस लौट आओ ।
धरती का आंचल ओढे है हरी ओढ़नी,
प्यासी है बस तुम्हारी प्रिया मोरनी ,
तुम बिन मुझे भाए न बयार सावनी,
अपने प्यार के रंग मे मुझे रंग जाओ ।
बहुत याद आते हो तुम बस लौट आओ ।