भर-भर गागर लाये बदरवा चंचल चपल हिरणी से इत उत डोले आसमां के अचरवा सखी घिर आए घिर आए क... भर-भर गागर लाये बदरवा चंचल चपल हिरणी से इत उत डोले आसमां के अचरवा सख...
हवाओं की सर्द ओढ़नी जब आकर बिखरे दरख्तों के शानों पर हवाओं की सर्द ओढ़नी जब आकर बिखरे दरख्तों के शानों पर
फूलों के खिलने से तुम्हारी याद आती है, भ्रमर की गुनगुनाहट भी मुझे सताती है , रिमझिम बारिश नित... फूलों के खिलने से तुम्हारी याद आती है, भ्रमर की गुनगुनाहट भी मुझे सताती है ,...
सड़को पर भीख मागते... चेहरे को ढक रखा था.. अपनी ओढ़नी से। सड़को पर भीख मागते... चेहरे को ढक रखा था.. अपनी ओढ़नी से।
याद आ ही जायेगा झरनों से झरती और सहरा तक सुलगती पस्ती से ऊँचाईयों तक का सफ़र सब भूल कर चाँद त... याद आ ही जायेगा झरनों से झरती और सहरा तक सुलगती पस्ती से ऊँचाईयों तक का सफ़...
उड़े जो तेरे बदन से ओढ़नी मेरा कफ़न संवर जाये । उड़े जो तेरे बदन से ओढ़नी मेरा कफ़न संवर जाये ।