तुम को पता न चला
तुम को पता न चला
गहरे इन आँखों में हम डूबे दिल बेख़बर हो चला
हम तो तुम्हारे इश्क़ के मारे पर तुम को पता न चला
कोई इतना कैसे रूठे
इश्क़ से ही मुंह फेर के बैठे
हम को बता दो भला
रात बेचैनी में सपने टूटे तुम को पता न चला।
हम तो प्यारे ग़म के मारे पर
तुम अनजान भला।
चांद सी भोली सी सूरत
रूठती हो लगती हो आफ़त
होश बेठिकाना चला
उदास ये चेहरा दिल देख के रोया तुम को पता न चला
हम तो प्यारे ग़म के मारे तुम अनजान भला।
सामने हो पर बात न करती
सज़ा देती हो खता भी करती
आशिक़ खाली हाथ चला
मोहब्बत है तुम से जान से ज़्यादा तू को पता न चला
हम तो प्यारे ग़म के मारे तुम अनजान भला।
गहरे इन आँखों में हम डूबे तुम को पता न चला
तूम को पता न चला
तुम को पता न चला।

