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Mukesh Parmar

Romance

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Mukesh Parmar

Romance

तुम कहीं

तुम कहीं

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रोज ना सही, इतवार को बात कर लिया।

दिन में न सही, रात में बात कर लिया कर।

चाय ना सही, कभी कॉफी भी पी लिया कर।

कभी घर ना सही, रास्ते पे भी मिल लिया कर।

सच ना सही, कभी अनृत भी बोल लिया कर।

अंजना में सही, कभी याद भी किया कर।

खुद के लिए ना सही, कभी मेरे लिए भी बात किया कर।

तू ना सही, तेरा वक्त ही दे दिया कर।

दो कदम ही सही, मेरे साथ चल लिया कर।

पैंजन ना सही, झुमके ही पहन लिया कर।

कॉल ना सही कभी मैसेज भी भेज दिया कर।

मस्ती में सही, कभी फलर्ट भी कर लिया कर।

कभी रूठ जाऊ तो प्यार से मना लिया कर।


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