तुम जो हो जीवन में
तुम जो हो जीवन में
न अपना पता याद है
और न ठिकाना याद है,
तुम जो हो जीवन में
किस बात की फ़िक्र है।
न दिन का हिसाब है
न रातों की खबर है,
तुम जो हो जीवन में
अब बस तेरा ही जिक्र है।
न नींद है आँखों में
न धड़कनें है बस में,
तुम जो हो जीवन में
अब हर ख्वाब मुकम्मल है।
न कुछ पाने की चाह
न खोने की गुंजाइश है
तुम जो हो जीवन में
हो गई पूरी अब हर कमी है।