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Altaf Hussain

Inspirational

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Altaf Hussain

Inspirational

छोड़ दो

छोड़ दो

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बेवज़ह ही तुम अपने घर से निकलना छोड़ दो,

ये सब मौज मस्ती और गलियों में घूमना छोड़।


एक बवा फ़ैली हुई है आज़कल इस जहाँन में,

क़ीमती है ये जीवन मुसीबत से उलझना छोड़ दो।


रह जाओ अब कुछ रोज इस स्वर्ग से घर में अपने,

हर किसी से आज़कल तुम मिलना मिलाना छोड़ दो।


जानता हूँ कि बन्द हैं तुम्हारे सारे कारोबार और कमाई,

सम्भाल लो ख़ुद को और ये शौक़ लालच सब छोड़ दो।


देखो पता चल गया चंद रोज़ में बंद पिंजरे का मतलब,

याद करो उस रब को अपने पैसे का ग़ुरूर करना छोड़ दो।


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