STORYMIRROR

Abasaheb Mhaske

Romance

2.8  

Abasaheb Mhaske

Romance

तुम हकीकत हो या सपना...

तुम हकीकत हो या सपना...

1 min
3.0K


रूप सुहाना तेरा, ज़ालिम अदा  

तुम्हें देखते ही हुए हम फिदा

चाहेंगे तुम्हें जान से भी जादा 

रहेंगे तुम्हारे साथ -साथ सदा

सिंगार कि तुझे नहीं है जरुरत 

मानो सुंदरता का दूसरा रूप

रूप रंग कि तारीफ करूँ तो कैसे ?

स्वर्ग लोक से परी धरती पर उतर आई हो जैसे !

तेरा शरमाना, रुठना - रुलाना 

हंसना और हंसाना लाजवाब

तुम हकीक़त हो या सपना  

सचमुच कर दिया तूने दीवाना  

कभी ना भूलना अपना वादा 

कभी ना कहना हमें अलविदा

पहली और आखिरी चाहत हो तुम  

तुम हि तो हो मेरी प्रियतमा !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance