STORYMIRROR

Snehil Thakur

Romance

4  

Snehil Thakur

Romance

पहली मुलाकात..

पहली मुलाकात..

1 min
354

उस शाम

जब हम मिले थे,

अलग थी,

तेरे साथ होने की

बात ही कुछ अलग है,

मुझे याद है मैं सहमी सी,

तुम भी कुछ चुप से थे,

एक‌ प्यारी सी

मुस्कुराहट थी होंठों पर,

जी चाहता सिर्फ सुनती जाऊं

तुम्हें और तुम्हारी किस्सों को,

जिन्हें मैंने पहले भी

सुन रखा था, पर उस दिन

वही कहानियां

मुझे सम्मोहित कर रही थी‌,

तुम कभी-कभी

मुझसे नज़रें चुराकर

एक झलक देख लिया करते,

वो सुहावना पल

आज भी

मन के किसी कोने में

क़ैद कर रखी हूं, 

उस दिन

सादि सी चाट भी

अत्यधिक लज़ीज़ लग रही थी,

न जाने क्यूं

दशाश्वमेध घाट

मुझे सभी तीर्थों से बढ़कर लगी,

सूर्यास्त की

निराली लालिमा से पहली बार

वाकिफ हुई,

पहली दफा एहसास हुआ

कि किसी का ख्याल रखना

इतना सुकून भरा हो सकता है,

अब भी उस मुलाकात को

याद कर

मुकम्मल ‌महसूस करती हूं। 

  


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance