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Snehil Thakur

Abstract Romance Inspirational

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Snehil Thakur

Abstract Romance Inspirational

तेरा प्यार

तेरा प्यार

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मेरा यकीं करो या ना करो

इससे कोई फर्क नहीं पड़ता,

ऐसा लगता था मुझे, सिर्फ

एक भ्रम सा, क्योंकि पूरी दुनिया


कुछ कहे न कहे कहां फिक्र,

बस तेरे आगे ही सब अलग है,

मैंने खुद को भी

कटघरे में खड़ा किया है,


तेरे ग़लत में भी चुप रही,

अनैतिकता को गले लगाया,

अवसरवाद को अपनाया,


यह सही नहीं मैं मानती हूं

पर तेरे प्यार में ग़लत शब्द 

नगण्य हो चुका है अब, मेरा


इस दल-दल से निकलना 

मुश्किल लग रहा मुझे, मैंने कहा था

तेरे प्यार में सब अलग है।

-स्नेहिल

(स्वरचित)


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