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Snehil Thakur

Abstract

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Snehil Thakur

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अतीत

अतीत

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अतीत की सुरंग से

गुज़र कर देखा,

असहज सा

महसूस होता है,

यादें अपनी परचम

लहरा जाती हैं,

यूं ही आते जाते

दिल दुखा जाती है,

कुछ घावों के मरहम

खुद ही दे जाती हैं,

मुश्किल है,

इससे गुज़र कर 

खुद को मौन

बनाए रखना,

कुछ सवाल

ये ताज़ा छोड़ जाती है।



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