तुम ही मेरी जान हो..
तुम ही मेरी जान हो..
तुम मेरी जान हो
तुम ही धड़कन हो
तुम मेरी आरजू
तुम ही मेरा दर्पण हो।
तुम संग हो
तो सुहाना हर मौसम है
तुम संग हो
तो फिर क्या गम है।
तुम मेरे ख्वाबों में
तुम ही हो ख्यालों में
तुम गुजरते वक्त में
तुम मेरे हर सवालों में।
तुम मेरे मीत हो
तुम ही प्रीत हो
तुम अधरों में बसी बाँसुरी
तुम ही तो संगीत हो।
मैं जिस्म हूँ तुम जान हो
तुम इस रूह की पहचान हो
मैं चाहत हूँ तुम इबादत हो
मैं सरगम हूँ तुम संगीत हो।
तुम सपनों में आते हो
तुम आँखों में समा जाते हो
तुम होंठो में ठहर कर
निशाँ अपने छोड़ जाते हो।
तुम यादों में बस गए
एक कोना दिल में कर गए
मेरे इश्क को ठुकरा के
क्यों तन्हा मुझे अकेला कर गए।