तुम बिन..!
तुम बिन..!
बीते पल को याद करके
हमें क्या याद आता हैं
तेरा वो मुस्कुराना
हमको देखकर यूं खिल जाना
बीते पल को याद करके
हमें ये याद आता हैं
सोचा नहीं था कभी बिछड़ेगे हम
बिछडेगा ये मन भी
लेकिन आज़ बिछड़ा चुका हैं
अब तो ये जीवन भी
कुछ यादें हैं प्यार भरी
कुछ हैं तेरे दुलार भरी
तुम बिन कैसे जिएंगे मुरारी
मोर मुकुट पीताम्बर धारी
तुम हीं कोई विकल्प दो भगवन
या बस विरह में रहें बेचारी
या बस विरह में रहें दुखियारी
श्याम सुन्दर मोहन रसिया
श्याम हीं मेरे दिल में बसिया
श्याम नाम हीं गाते हैं सब
श्याम नाम हीं ध्याते हैं अब
तुम बिन ये संसार हैं सूना
तुम बिन मन का प्यार हैं सूना
तुम बिन सूने सारे रैना
तुम बिन सूना इस तन का गहना
बीते पल को याद करके
अखियां भर जाती मोहन तर के
याद आतीं हैं तुम्हारी मोहन
अब तो कोई हल दो ऐ प्रेम सुमन।

