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Dr. Tulika Das

Romance Classics

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Dr. Tulika Das

Romance Classics

तुम बिन जीना भी मैं सीख जाऊंगी

तुम बिन जीना भी मैं सीख जाऊंगी

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मैं नहीं जानती थी

जिंदगी तुम बिन इतनी मुश्किल होगी।

मैं नहीं जानती थी 

थकी हुई आंखों में नींदे तो होगी

पर सुकून से वो महरूम होंगी।


मैं नहीं जानती थी

ख्वाब जो पूरे हुए नहीं

वो टूट कर अंदर ही रह जाते हैं

कहीं जाते नहीं।


मैं नहीं जानती थी

धड़कने मेरी जब तुम्हारे नाम है

फिर भी तुम से जुदा होकर मैं कैसे जी रही

कैसे ये सांसे ‌चल रही ?


मैं नहीं जानती थी

होठों पर मुस्कुराहट सजाना मैं सीख जाऊंगी

आंखों के आंसू छुपाना मैं सीख जाऊंगी

यूं भी जीना मैं सीख‌ जाऊंगी।

मैं नहीं जानती थी

तुम बिन जीना भी मैं सीख जाऊंगी।

#SM Boss

Task 2


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