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Shailendra Kumar Shukla, FRSC

Action Inspirational

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Shailendra Kumar Shukla, FRSC

Action Inspirational

तुम भी कम नहीं

तुम भी कम नहीं

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तुम भी कम नहीं फिर उदास कैसे 

इतने दूर गये हो फिर पास कैसे 

मनस्वी हो ये एहसास है सबको 

हम भी सम नहीं फिर उपहास कैसे !


कभी फुरसत में याद नहीं करते 

पर अवसान में हमेशा साथ कैसे 

ये तो महफ़िल है पल दो पल की 

तुम्हारी याद फिर बकवास कैसे !


ज़रा सी आहट पर जो संभल जाते 

नजरों की भाषा भी समझ जाते 

इनको क्या हुआ ये हादसा ऐसा 

प्यार की बात भी लगे अट्टहास कैसे !


वक़्त है, तकाजे की फिक्र न कर 

रक्स है उनसे, तो भी ज़िक्र न कर 

लिपट जायेंगे, वो दिन मुबारक होगा 

फिर मिटाने का, ऐसा दुस्साहस कैसे !!


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