तुम आते तो रंग चढ़ता थोड़ा ……
तुम आते तो रंग चढ़ता थोड़ा ……
कुछ सादा फीका फाल्गुन था,
तुम आते तो रंग चढ़ता थोड़ा,
कुछ नीला पीला गालों पर,
बालों से कुछ रंग झरता तेरा !
ऐसे तो हरपल यादों में रंगता,
साथ तेरे संग मन रंगता थोड़ा,
ख़ामोशी में डूबा धुँधला सा चेहरा,
रंगीन लगता तेरा चेहरा सुनहरा !
हाथ सने वो रंगरेज़ जो था,
रंगता ही रहा ताउम्र एक चेहरा,
रंगो में बीता पूरा ये जीवन,
तुम आते तो रंग चढ़ता थोड़ा !
रंग देता आसमां, चाँद और तारे भी,
बस तुम आते तो रंग चढ़ता थोड़ा !