टूटे पल
टूटे पल
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टूटे हुए रिश्तों की तस्वीर होती है
ज़रा पास जाकर देखो, लकीर होती है।
वक़्त की शाख से बने लम्हों को देखो
कुछ फूल खिले तो कुछ पत्ते टूटे होते है।
पुराने मौसम के बाद नए मौसम की बौछारें
सड़कें गीली आँखें नीली गाल कोरे कोरे होते है।
चिंगारी भरे अहसास भी एक दिन सो जाते
अगर हम तेरी यादों से निकलकर किसी और के हो जाते।