टप टप टपकती ये पानी की बुँदे
टप टप टपकती ये पानी की बुँदे
टप टप टपकती ये पानी की बुँदे
काली घटाए यूँ लहरा के झूमे
होठो पे खिली है एक नयी मुस्कान
मै तो छूने चली एक नया आसमान
टप टप टपकती ये पानी की बुँदे
काली घटाए यूँ लहरा के झूमे
बरफ की चादर में लिपटे ये पर्वत
मुरझाए फूलो में हुई है हरकत
होठो पे खिली है एक नयी मुस्कान
मै तो छूने चली एक नया आसमान
ठंडी हवाओ के लहराते झोंके
नदिया के पानी में तन मन को धोके
होठो पे खिली है एक नयी मुस्कान
मै तो छूने चली एक नया आसमान
टप टप टपकती ये पानी की बुँदे
काली घटाए यूँ लहरा के झूमे
होठो पे खिली है एक नयी मुस्कान
मै तो छूने चली एक नया आसमान
