ठेले पर बगीचा
ठेले पर बगीचा
कुछ कलियाँ,
पौधे, गमले,
और मिट्टी लिये,
घूम रहा हूँ।
भूखे पेट, इस कड़ी धूप में,
जलती सड़क पर मैं,
कोई पुष्प प्रेमी,
ढूँढ़ रहा हूँ।
एक छोटा गमला ही,
ले लो साहब,
मिट्टी मुफ्त में,
दे दूँगा।
आपके घर को,
फूलों से महकाने मैं,
ठेले पर बगीचा लिया,
घूम रहा हूँ।