तृष्णा
तृष्णा
वह नदी
जिसका जल
सर्वाधिक मीठा था
और जिसे अंजुरी भर
ग्रहण करने निमित्त
मैंने
दुनिया की सारी नदियों
के प्रगल्भ आमंत्रण को
तब ठुकरा दिया था
जब मेरी तृष्णा का चरम
रेगिस्तान के टीले में
सूखी टहनियों सा टूट रहा था
सच पूछो तो
उस नदी का
कहीं अस्तित्व ही नहीं था
और मैं परिचित था
इस सच से उस वक़्त भी...