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RAJESH KUMAR

Inspirational Children

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RAJESH KUMAR

Inspirational Children

तपस्या

तपस्या

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किसी से भी, कहीं भी

कभी भी, ना कभी रहें

कैसे भी, ना रहें कमतर!

रैदास ,कबीर ,फूले

सावित्रीबाई, अम्बेडकर,

ने इबादत लिखी, पढ़ी

अमिट, नई पृष्ठभूमि।

वो दौर ,पिघल गया

नया दौर, नई स्थिति

बारी अपनी, अपनी बारी

साबित कर, मुश्किलें!

तब पाषाण थी, अब अलग

प्रशंसनीय से अतिप्रशंसनीय

कर जा, हम कमतर नहीं

नई इबादत लिख जा।

रैदास ,बाबा के नये भारत

को स्वर्णिम बनाना है

अधूरा सा, करना पूरा है!

जहाँ ना घृणा ,शोषण हो

मान सम्मान, पद प्रतिष्ठा

सब मिलेगा, अनुसरण कर

आज नहीं तो कल मिलेगा

आज नहीं तो कल मिलेगा।।



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