बालवाटिका
बालवाटिका
एक घर प्यारा सा वो
आंगन में नन्हे प्यारे वो
गुंज अनुगूँज नन्हें मुन्ने वो
सबके घर के दुलारे वो
गुटलियों हथेलियां हठकेलियों
लुढ़कते घूमते मचलते वो
बेमतलबी से मतलबी आवाज वो
हर घर आंगन के नन्हे प्यारे वो
बेपरवाह से नन्हे मुन्ने वो
समय नए दौर का आया!!
अब तो ना वो आंगन
ना हो पड़ोस, ना आस
मल्टी स्टोरी सी ज़िंदगी
ना वो बड़ों का साया
अब है नया जमाना
क्रैश, मेड जरूरी साया
कड़ी निगरानी में साया
ये नन्हे , प्यारे बालक
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क्या करें समय से पहले
समय के बाद का है फेरा
या आकांक्षाओं का है पहरा
समयानुसार बचपन वाले स्कूल
बदलते परिवेश के उनके स्कूल
बचपन भी रहे जिंदा हो अनुकूल
झूलना ठुमकना लुढ़कना
क्या समय की मांग “बालवाटिका”?
वहां मिलते हमउम्र नन्हे मुन्ने
समय कटता यादगार, जिम्मेदार
धक्का मुक्की रूठना मनाना
गुस्सा रोना धोना टिफिन खाना
मां जैसी मैडम,
खेल खिलौने रंग बिरंगे ब्लॉक
जोड़ तोड़ फेंका फेंकी
किस्से कहानी कार्टून
यही तो है नए जमाने
के स्कूल बालवाटिका,,,,
तो स्वागत है बचपना पार्ट-2