तो क्या होता है।
तो क्या होता है।
नशा है इश्क का जो चढ़ जाए तो क्या होता है।
लजाया चांद बाहों में सिमट आए तो क्या होता है।
चांदनी इश्क की है इस दुनिया में फैल जाएगी
इश्क का पता सब को चल जाए तो क्या होता है।
बड़े हरजाई दिलवर हैं धोखा ही जिन की फितरत।
कवच मजबूरियों का ओढ़ के आएं तो क्या होता है।
जिंदगी इक इश्क की बिना पर भला चले कब तक।
तमाम और जिम्मेदारियों का भी तो बोझ होता है।
जिंदगी की दाल में प्यार का तड़का बड़ा जरूरी है।
मगर रोटी का भी जुगाड न हो पाए तो क्या होता है।

