तन्हाईयाँ
तन्हाईयाँ
"तन्हाईयाँ"शौक से मोहब्बत किसी इश्कजादे से करिये,
तलबगार हैं थोड़ी यारी हम से अत्ता करिये!
खूब तन्हा है जहां में इश्क बेशुमार कीजिये,
यूँ अकेले तन्हा रहने की खता भी न करिये!
हमसफर मन माफिक दिलबर को कीजिये,
ख्वाबों में सबके दखलअंदाज़ी भी न करिये!
रात भर तन्हाइयो में चाँद निहारा न कीजिये,
हुजरे में बुला मिलन को तरसाया न कीजिये !
खुदगर्जी की फरेबी इश्कबाजी नही कीजिये,
पराये दर्द पर मरहम की गुस्ताखी तो करिये!
अपनी हसीन अदाओ का सितम न कीजिये,
तलबगारों का कत्ल बे-रहमी से न कीजिये !
आशिकों को ख्वामख्वाह रुसवां न कीजिये,
मयत बाद जन्नतनशीं हो नेक दुआ कीजिये !