तन्हा हैं रातें
तन्हा हैं रातें
तन्हा हैं रातें ,करते हैं प्यार की ही बातें
प्यार के वो हसीन लम्हे और मुलाकातें
वो झील सी आँखे,आँखों से होती बातें
प्यार के पँछी ,अक्सर यही तीर चलाते
हमारी अधूरी मोहब्बत की अधूरी बातें
दर्द-ए-दिल की बात काश समझ जाते
पागल प्यार आज भी है और वही बातें
प्यार था प्यार है करता रहूंगा तेरी बातें
दिन से रात , महीने बने साल वही बातें
जब से तुम गई हो दिल को हैं समझाते।