तलवार की धार
तलवार की धार
कालिया जी ने कर ली चोरी
पकड़े गए तो खाए कोड़े हजार
राजा जी ने जब बुलाया
रोते-रोते पहुंचे दरबार
दरबार में फांसी 16 दिन बाद
हो गई स्वीकार
चीख चीख कर कालिया बोला
मेरी अंतिम इच्छा हो साकार
'मांगो जो मांगना है '
राजा जी हैं बड़े दिलदार
मुझे चाहिए रोज एक तलवार
अगर तुम्हें रोज मिले बिना
धार की तलवार
करना पड़ेगा यही स्वीकार
दुखी कालिया कुछ दिनों तक
उस तलवार को कहता रहता
काश कि तुम में होती धार
तो मैं क
र देता सबका बुरा हाल
तभी उसको आया एक विचार
अगले दिन जो सैनिक सामने आया
देने उसको तलवार
उसने सैनिक को धमकी दे दी
अगर नहीं छोड़ा मुझको
तू कर दूंगा तलवार से वार
डर के मारे सैनिक ने
छोड़ दिया कालिया को
जोर से भागा कालिया
तभी आए महाराज वहां पर
और बताया ' बेवकूफ वह थी
बिना धार की तलवार'
कालिया तो बच निकला
और ठग गई
तलवार की धार।