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Anshuman Mishra

Others

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Anshuman Mishra

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मिट्टी का जेल

मिट्टी का जेल

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फूल खिला है गमले में 

लगता है, बेबस और लाचार 

चाहता है खेलना ,पर 

गमला छोटा पड़ जाता है ।

आखिर साहब का पसंदीदा जो है,

तो बाहर कैसे जा सकता है !

खुद तो घर में दुखी बैठा है,

पर बाहर दोस्त उसके  

आंगन में खेल रहे हैं ।

कभी-कभार अपने मित्रों से

वह फूल इच्छा जाहिर करता है,

'खुले आकाश को देखने की'।

लेकिन उसे मिला तो क्या ?

बस मिट्टी का जेल !


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