तलाश...
तलाश...
जिंदगी में एक मुलाक़ात एक बार फिर हो जाये
तुझसे रूबरू बात फिर हो जाये
कल इन्तजार तुझे मेरा था
आज राहों को तेरा इन्तजार हैं
ज़िन्दगी ने इत्तेफाकन यूं मुॅंह मोड़ लिया
हर अपनों ने भी हमारी ज़िंदगी से रुख मोड़ लिया
ज़िन्दगी जीना आसान नहीं रह गया
हर इंसान इंसान नहीं रह गया
सब रिश्ते बदल गए
सब रिश्तेदार बदल गए
अब एक उम्मीद तेरी हैं
की तू जल्द लौट आये
आज भी उन राहों को देखते है हम जिस रास्ते से हम अलग हुए थे
एक ने मौत को चुना दूजे ने ज़िन्दगी को
आज दूजा मौत के साथ है और एक को जिन्दगी मिल गयी
कैसे रोके इस तूफान को
अकेले से हो गए है हम
तू लौट आ अब जिंदगी में फिर से
जिंदगी दर्द बन गई है
सहन की ताकत खत्म हो गई
रो रो के आंखें थक सी गई है
मेरे दर्द को महसूस कर
मेरे अपने हो ना हो साथ
तू लौट के साथ होने की गवाही दे दे
और इस लाश को जिंदगी दे दे