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Ms Ishrat Jahan Noormohammed Khan

Others

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Ms Ishrat Jahan Noormohammed Khan

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कोरोना

कोरोना

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तूफ़ान के हालात है ना किसी राहों में रहो

पंछियों से है इल्तेजा है अपने घोंसलों में रहो


किसी की मुस्कान हो उनके दिल में रहो

मंज़िल की तलाश मत कर माँ के जिगर में रहो


ईद के चाँद हो अपने ही घरवालों के लिए

ये उनकी खुशी है उनकी नज़र में रहो


माना बंजारों की तरह घूमे हो डगर डगर तुम

वक़्त का तक़ाज़ा है दोस्त अपने ही शहर में रहो


तुम ने खाक़ छानी है हर गली चौबारों की

थोड़े दिन की तो बात है अपने घर में रहो

 

माँ बाबा की सेवा में रहो

बहुत तूफान है बाहर इसलिए माँ के

आँचल में रहो.....

     


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