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Anil Gupta

Abstract

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Anil Gupta

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तितली

तितली

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तितली ने सपने देखे थे 

में भँवरा बन जाऊं 

फूलों से मकरंद चुनू


और  नीलगगन उड़ जाऊँ

बारिश हो तब

बूंदों के संग 

धरती पर आ जाऊँ 


स्वप्न करूँ पूरे सब अपने 

कलियों के संग 

नाचूँ गाऊँ 

फिर तितली बन जाऊँ।


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