Title -"परियों का देश "
Title -"परियों का देश "
मैं भी चाहूं जाना माता,
परियों के देश से गहरा नाता।
सपनों में भी आती परियां
अपनी जादुई छड़ी घुमाती परियां
इनमें होती अलौकिक कांति,
लगती हैं ये देवियों की भांति
पंख फहराए आकाश में उड़ती,
झट से भाव प्रकट भी करती।
इनका स्वरूप सबको, है भाता।
परियों के देश से, गहरा नाता।
दया- धर्म सर्वोपरि इनमें,
दिखती हैं ऐसे जैसे सूर्य की किरणें
मंद- मंद जब ये मुस्काती,
मधुर गीत निज कंठ से गाती,
श्वेत वस्त्र अति इनको भाता।
परियों के देश से गहरा नाता
मैं भी चाहूं जाना माता।
परियों के देश से गहरा नाता।
