स्वाभिमान
स्वाभिमान
स्वाभिमान संग जीना, जीवन में जरूरी है,
जो जी ना सका स्वाभिमान से,शायद उसकी मजबूरी हैI
स्वाभिमान की देन से सूर्य नित-नित चमकता है,मेघ भी जलरूपी वर्षा लिए ,धरती पर बरसता है।
नदियों की धाराएँ भीगतिशील इसी से होती हैं। इन्द्रधनुष के रंगों की चमक अनोखी होती है।
चन्द्रमा की अनोखी छटा,शीतलता युक्त इसी से होती है।पादप देते फल,फूल, छाया, इनसे जन-जीवन की गति होती है।
है"स्वाभिमान "कायम यदि,जीने के मंजर मिल जाते हैं , नामुमकिन भी हो जाए मुमकिन, चहुंओर हौसले बढ जाते हैं
"स्वाभिमान "जीवन में अनेकों उतार-चढ़ाव ,दिखाता है।
जो डटकर लडे, विकट परिस्थिति में
सफलता का मार्ग वही चुन पाता है।
