शीर्षक-"अध्यापक महिमा"
शीर्षक-"अध्यापक महिमा"
जो स्वयं जले दीपक की भांँति
और प्रकाश कर जाता है,
वही तोनिश्चय से
अध्यापक कहलाता है।
जो बच्चों के सपनों को ,
सार्थक करता जाता है,
भविष्य उनका जो सदा
उज्ज्वल बनाता है।
वही तो सबसे बड़ा ज्ञानी
व हितकर कहलाता है।
वही निश्चय से अध्यापक कहलाता है।
भारत का कण- कण
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की,
गौरव गाथा गाता है
और सावित्रीबाई फुले के
प्रयासों से अवगत कराता है ।
यही अध्यापक तो
राष्ट्र निर्माता कहलाता है।
वही तोनिश्चय से, अध्यापक कहलाता है ।
छात्रों की जिज्ञासाओं को
नित -दिन जो बढ़ाता है,
हौसलों को उनके जो
कायम करता जाता है,
विद्यालय को अध्यापक ही
शिक्षा मंदिर बनाता है।
वही तो निश्चय से अध्यापक कहलाता है।
सही -गलत की पहचान जो
निज अनुभव से कराता है ।
सहनशीलता- कर्तव्य निष्ठता से
निज धर्म जो निभाता है।
वही निश्चय से अध्यापक कहलाता है।