STORYMIRROR

Ganesh Chandra kestwal

Inspirational Children

4  

Ganesh Chandra kestwal

Inspirational Children

तिरंगा धरा में सुहाता रहे ये

तिरंगा धरा में सुहाता रहे ये

1 min
346


विधा- भुजंगप्रयात छंद 

        ॥ॐ श्री वागीश्वर्यै नमः॥

               तिरंगा

              ******

यही देश का मान है शान भी ये

तिरंगा धरा में सुहाता रहे ये॥


इला में खड़ा हो सदा झूमता है

खुशी से नए व्योम को चूमता है

उमंगें जगाता सभी चित्त में ये

तिरंगा धरा में सुहाता रहे ये॥


मिटाई गुलामी जगा जोश भारी

चली थी उमंगी यहाँ भीड़ भारी

विदेशी डरे थे स्वदेशी बढ़े थे

तिरंगा झुमाते सभी तो खड़े थे॥


सदा ओज देता भरे प्रीति भी ये

तिरंगा धरा में सुहाता रहे ये॥


ध्वजा वंदना योग्य प्यारा तिरंगा 

जिसे पूजती है महापूज्य गंगा

महावीर योद्धा झुका शीश सेवें

नहीं मान तेरा कभी न्यून होवे॥


नई वायु के वेग से झूमता ये

तिरंगा धरा में सुहाता रहे ये॥


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational