तेरी पनाह
तेरी पनाह
ज़िन्दगी जीने की नई राह मिली है
मेरी ख़्वाहिशों को जब से तेरी पनाह मिली है
प्रेरणाओं का सागर उम्मीदों की झील हो तुम
तुमसे ही हर हाल में हँसने की अदा मिली है
अधूरी चाहतों से अब नहीं डरता दिल
मुझको तेरी मुकम्मल वफा मिली हैं
किसी दर पर नहीं किए सजदे फिर भी
तुम मिली हो जैसे बिन मांगे कोई दुआ मिली है
जी करता है कर आऊं शुक्र ख़ुदा का इक बार
उसकी निगाह से ही मुझको तेरी निगाह मिली है