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Naresh Bokan Gujjar

Romance

3  

Naresh Bokan Gujjar

Romance

कोई मुझ सा प्यार क्यूँ नहीं करता

कोई मुझ सा प्यार क्यूँ नहीं करता

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जमाना हर बात पर क्यूं बेवफाई की दुहाई देता है 

कोई‌ मुझसा प्यार क्यूं नहीं‌ करता जो हसकर यार को विदाई देता है 


मेरा चेहरा खिल उठता है जब मैं उसको याद करता हूँ 

मेरी हसी का‌ हर कतरा उसकी‌ सफाई देता है 


जुदा हुआ था वो मुझसे अपनी मजबूरियों के चलते 

दिल तो आज भी उसका‌ मेरे हक में गवाही देता है 


सिवाये यार के मुझ को नजर आता नहीं कुछ भी 

उसका हर ख़्याल मुझ को तन्हाई की क़ैद से रिहाई देता है 


उसकी बातों में था क्या जादू मत पूछिये मुझसे 

उसका हर अल्फाज मुझ को आज भी सुनाई देता है 



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